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क्या प्रिया तेंदुलकर ने टीवी पर सामाजिक बदलाव की लहर पैदा की? जानिए उनकी अनोखी कहानी!

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प्रिया तेंदुलकर: एक अद्वितीय अभिनेत्री और समाजसेवी



मुंबई में 19 अक्टूबर 1954 को जन्मी प्रिया तेंदुलकर भारतीय टेलीविजन और थिएटर की एक प्रमुख हस्ती थीं। उनके अभिनय ने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी ध्यान आकर्षित किया। प्रिया एक मराठी ब्राह्मण परिवार में पली-बढ़ी, जहां कला और साहित्य का विशेष महत्व था।


प्रिया के पिता, प्रसिद्ध नाटककार विजय तेंदुलकर, ने उन्हें कला के प्रति प्रेरित किया। उनके परिवार में उनकी बहनें, अभिनेत्री सुषमा तेंदुलकर और तनुजा मोहिते, और भाई राजू तेंदुलकर (सिनेमेटोग्राफर) शामिल हैं, जिन्होंने परिवार की कला परंपरा को आगे बढ़ाया।


प्रिया का अभिनय करियर मराठी थिएटर से शुरू हुआ, जहां उन्होंने अपने पिता के नाटकों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। 1980 के दशक में, उन्होंने हिंदी और मराठी सिनेमा में कदम रखा, लेकिन उनकी पहचान छोटे पर्दे पर बनी। 1985 में, दूरदर्शन पर प्रसारित 'रजनी' ने उन्हें हर घर की बेटी बना दिया। इस शो में प्रिया ने एक साहसी गृहिणी का किरदार निभाया, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाती है।


प्रिया ने 'युग', 'हम पांच', 'दामिनी', और 'प्रोफेसर प्यारेलाल' जैसे कई अन्य शो में भी काम किया। उन्होंने हिंदी सिनेमा में 'मोहरा', 'गुप्त: द हिडन ट्रुथ', और 'नाम ओ निशान' जैसी सफल फिल्मों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।


प्रिया तेंदुलकर केवल एक अभिनेत्री नहीं थीं, बल्कि एक समाजसेवी और लेखिका भी थीं। उन्होंने 'प्रिया तेंदुलकर शो' और 'जिम्मेदार कौन' जैसे टॉक शोज की मेज़बानी की, जहां उन्होंने सामाजिक मुद्दों और महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा की।


उनका किरदार 'रजनी' केवल मनोरंजन का साधन नहीं था, बल्कि यह आम आदमी के लिए भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ एक मजबूत आवाज थी। इस धारावाहिक का प्रभाव इतना गहरा था कि एक बार, एक एपिसोड में दिखाए गए मुद्दों के कारण मुंबई के टैक्सी ड्राइवरों ने विरोध प्रदर्शन किया।


इस एपिसोड में टैक्सी ड्राइवरों के अनुचित व्यवहार को दर्शाया गया था, जिससे ड्राइवरों ने इसे अपने पेशे का अपमान मानते हुए प्रदर्शन किया। लगभग 500 टैक्सी ड्राइवरों ने मुंबई में टैक्सी चलाना बंद कर दिया और दूरदर्शन के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।


यह घटना इतनी चर्चित हुई कि यह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई। प्रिया तेंदुलकर ने साबित किया कि वह केवल एक अभिनेत्री नहीं थीं, बल्कि आम जनता की आवाज थीं।


19 सितंबर 2002 को, 47 वर्ष की आयु में प्रिया का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। उनके निधन पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शोक व्यक्त किया।


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